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रविवार, 26 सितंबर 2010

व्यापार के बहाने: पुन: गुलामी की और अग्रसर हमारे कदम

व्यापार के बहाने: पुन: गुलामी की और अग्रसर हमारे कदम.      

                              - कृष्ण कुमार सोनी  (रामबाबू)  कोटा 
                   निसंदेह: देश को स्वाधीनता दिलाने में तत्कालीन कोंग्रेस का बहुत बड़ा योगदान था, किन्तु हम यह भी नहीं नहीं भूले कि हमने उस समय कतिपय नेताओ के स्वार्थ के कारण आज़ादी की  बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी और फिर भी हमें मिली खंडित आज़ादी. देश के विभाजन का दंश  हमें आज तक झेलना पद रहा है.
                   कोंग्रेस के अब तक हमने तीन चेहरे  देखे है. पहला चेहरा  आज़ादी के पहले का था. दसरा  चेहरा आज़ादी के अगले बीस साल तक  हमने देखा. आज हम कोंग्रेस का तीसरा रूप देख रहे है.
                  कोंग्रेस का यह तीसरा चेहरा देश के लिए अत्यंत घातक है.  इस रूप में हम देख रहे हे कांग्रेस की सत्तालोलुपता,भ्रष्टाचार  एवं परिवारवादी परंपरा . कांग्रेस सरकार आकंठ भ्रष्टाचार  में डूबी हुई हे. देश में आराजकता फैली हुई हे,कश्मीरी अलगाववाद एवं मावोवादी  समस्या कि अनदेखी कि जा रही हे. हमारे देश कि सीमाये आतिक्रमण का शिकार  हो रही है. इस देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है, हिन्दू संतों का अपमान एवं उन्हें बदनाम करने का कुत्सित  प्रयास किया जा रहा है.तुष्टिकरण की पराकाष्ठा, जनगणना के माध्यम से जातीय वैमनस्यता फ़ैलाने का कुचक्र एवं स्वदेशी उद्योगों की अनदेखी कर देश की एकता एवं आर्थिक दांचे को कमजोर किया जा रहा है.
                 कांग्रेस सरकार स्वदेशी उद्योगों पर जटिल क़ानूनी पेचीदगियां एवं विदेशी कंपनियों व  उनके  घटिया उत्पादों के आयात के लिए उदार व सरल कानून बनाकर इस देश के आर्थिक दांचे को तहस नहस  करने का प्रयास कर रही है. इस देश के उद्योगपति एवं व्यापारी जिनके ऊपर इस देश का आर्थिक ढांचा टिका हुआ है,अनेकों प्रकार के करारोपण द्वारा उनका शोषण किया जा रहा हे.उन्हें जटिल सरकारी क़ानूनी नियमों में बांधकर विकास की गति को धीमा किया जा रहा हे, इसके ठीक विपरीत विदेशी उद्योगों एवं कंपनियों को सरकारी  नियमों में अत्यंत ढील देते हुए उन्हें भारत में उद्योग लगाने एवं व्यापार करने की छूट देकर स्थानीय स्वदेशी उद्योगों को चोपट करने का पूरा बंदोबस्त किया जा रहा है.
                   विदेशी कंपनियों को भारत में व्यापार की छूट देने से यहाँ के छोटे एवं मध्यम व्यापारियों  का व्यवसाय पूरी तरहचोपट हो  जावेगा. विदेशी कंपनिया उत्पादों को सस्ते में बेचने के लिए दुनिया के किसी भी कोने से सस्ता व इकठ्ठा माल खरीदने में सक्षम होगी,ये कंपनिया अपने बड़े नेटवर्क के द्वारा दूसरे देशों से सस्ता माल खरीदकर स्वदेशी उत्पादों के मुकाबले सस्ता बेचेगी जिससे स्थानीय उद्योग बंद हो जावेगे. सरकार का यह कदम मध्यम एवं छोटे व्यवसाइयों का व्यापार -व्यवसाय पूरी तरह चोपट कर देगा.  जिससे देश का अर्थ- तंत्र  भी पूरी तरह से तहस नहस हो जावेगा.देश में नए रोजगार के अवसर भी समाप्त हो जावेगे.
 हमारे देश के कुल उद्योगों में से ९०% लघु उद्योग है.लगभग १५ लाख पंजीकृत एवं लगभग २ करोड़ से ज्यादा गैर पंजीकृत इकाइयाँ सीधे रिटेल क्षेत्र से जुडी हुई है बड़ी विदेशी कंपनियों के रिटेल क्षेत्र में उतरने से उनकी सस्ती  व बड़ी मात्रा की मांग को  स्थानीय लघु उद्योग पूरा नहीं कर पाएंगे, फलत: हमारे स्थानीय लघु उद्योग बंद हो जायेंगे. हम एवं हमारी अर्थ-व्यवस्था पूरी तरह विदेशियों  के अधीन  हो जाएगी.  हम आत्मनिर्भय नहीं रह पाएंगे. हम पुन: पराधीन हो जायेंगे.

3 टिप्‍पणियां:

  1. कांग्रेसी नेता इस बात का जी तोड़ प्रयत्न कर रहे हैं कि किसी प्रकार से सत्ताधारी परिवार (दल नही परिवार) की छवि गरीबों के हितैषी के रूप मे सामने आए, इसके लिए वो छल छद्म प्रपंच इत्यादि का सहारा लेने से भी नही चूकते। इसकी जोरदार मिसाल आपको नीचे के चित्र मे मिल जाएगी
    http://bharathindu.blogspot.com/2011/03/blog-post.html?showComment=1299158600183#c7631304491230129372

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  2. jish congress ne desh ko aazadi dilai ushka to swargvas to azadi ke kuch dino bad hi ho gaya.aaj jo bacha hua veh bhristh logon ka ek yesa samooh he jo yen ken prakaren satta kish prakar bani rahe ish key liye her tareh ke shadayantra karate rahte hen.vote ke badle note ishke udaharan hen.kash aaj gandhi hote to ish congress ko dekh kar kya kahte....all india corruption commitee.........

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