खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी दे दी गई है। अब अध्यादेश को सीधे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से हरी झंडी मिलने के बाद ये अध्यादेश लागू हो जाएगा।
सोनिया गांधी 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पुन:सत्तासीन करने के लिए खाद्य सुरक्षा बिल को शीघ्र लागू करवाना चाहती थी । किन्तु उनके सहयोगी दलों का भी यह कहना था कि सरकार इस बिल पर पहले संसद में चर्चा करें, उसके बाद बिल को मंजूरी दी जावे, लेकिन सरकार ने दूसरा रास्ता अपनाते हुए खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है।
कांग्रेस की इच्छा देश के कमजोर व् गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की नहीं बल्कि उन्हें अकर्मण्य,नाकारा व भिखमंगा बनाने की है .कांग्रेस को उनकी गरीबी या भूख की परवाह नही बल्कि अपनी वोट बैंक बढ़ाने की ज्यादा चिंता है .अगर कांग्रेस को गरीबों की इतनी ही चिंता होती और ईमानदारी से गरीबी हटाने का प्रयास करती तो भारत से गरीबी कभी की समाप्त हो चुकी होती .लेकिन कान्ग्रेस जानती है की भारत से गरीबी जिस दिन समाप्त हो जाएगी,कांग्रेस भी सत्ता में नही रह पायेगी .
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